जाट आंदोलन को लेकर निकाला रोष मार्च

जाट आंदोलन को लेकर निकाला रोष मार्च
jaat aarakshan

todaybhaskar.com
faridabad| रोहतक में जाट आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से मारे गए युवाओं की मौत से गुस्साए पिछले चार दिनों से आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे फरीदाबाद के आंदोलनकारियों ने आज रोष मार्च निकाला।
इस रोष प्रदर्शन का नेतृत्व रामकिशन मलिक और विकास चौधरी कर रहे थे। प्रदर्शनकारी धरना स्थल से जैसे ही हाईवे की तरफ बढऩे लगे तो पुलिस ने आंदोलनकारियों को यह सोचकर हिरासत में ले लिया कहीं वह हाईवे आज न कर दें। पुलिस ने करीबन 200 जाट समाज के लोगों को हिरासत में ले लिया और गिरफ्तार कर बस में बैठाकर उन्हें सेक्टर-12 कोर्ट ले गए और उन पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी करने लगे परंतु जैसे ही समाज के अन्य लोगों को इस बात का पता चला तो सैकड़ों लोग एकत्रित होकर कोर्ट के सामने नारेबाजी करने लगे, जिससे माहौल को बिगड़ता हुआ देख पुलिस ने सभी प्रदर्शनकारियों को पीछे के रास्ते धरना स्थल पर छोड़ दिया और पुलिस ने पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया।
धरने को संबोधित करते हुए विकास चौधरी ने कहा कि रोहतक में जाट आंदोलन के दौरान मारे हुए समाज के युवाओं को शहीद का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से उन्हें आरक्षण देने को लेकर सरकार से मांग कर रहे थे, मगर सरकार की मंशा ठीक न होने के कारण रामकुमार सैनी जैसे बेहुदा सांसदों के गलत बयानबाजी की वजह से यह आंदोलन हिंसक हुआ है। उन्होंने सरकार की कार्यशैली पर प्रश्रचिन्ह लगाते हुए कहा कि आंदोलनकारियों पर फायरिंग करने से पहले पुलिस प्रशासन को आंसू गैस और पानी के छिडक़ाव करने जैसे हथकंडे अपनाने चाहिए थे, एकाएक फायरिंग करना सरकार की संवेदनशील कार्यशैली पर निशान लगाता है। अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के प्रदेश सचिव रामकिशन मलिक ने कहा कि प्रदेश सरकार आंदोलन कानून व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर जो गोली चलाने के आदेश दिए गए है, वह पूरी तरह से गलत है, अगर गोली चलानी है तो जम्मू कश्मीर में देश विरोधी गतिविधि चलाने वाले लोगों पर गोली चलाए, निहत्थे, बेगुनाह लोगों पर गोली चलाना कहां तक सार्थक है।
उन्होंने कहा कि जाट समाज इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और अगर प्रदेश सरकार व प्रशासन ने समाज की मांग को नहीं माना तो सरकार को आने वाले समय में इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इस मौके पर भगत सिंह दलाल, योगेश सिवाच, सुंदर पाहिल, ओमबीर धनखड़, राजेश तेवतिया, जगबीर तेवतिया, प्रेम धनखड, तेजवीर कादियान, रामनिवास, श्मशेर कादियान, सुरेश मलिक, राजेश दहिया, सुभाष दलाल, स्वर्ण श्योराण, राम कालीरमण, रघुबीर मण्डल, दर्शन मलिक, प्रदीप श्योकंद, आदर्श तराड, सिद्धार्थ कादियान, कुलदीप मलिक, कृष्णपाल आजाद सहित अनेकों जाट समाज के मौजिज लोग उपस्थित थे।

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