जुर्माने चुकाने की बजाय जेल जाना पसंद करूँगा: श्री श्री रविशंकर

जुर्माने चुकाने की बजाय जेल जाना पसंद करूँगा: श्री श्री रविशंकर
shri shri ravi shankar
श्री श्री रविशंकर

todaybhaskar.com
new delhi: यमुना खादर में सांस्कृतिक कार्यक्रम को लेकर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में ठनती जा रही है। एनजीटी ने गुरुवार को कहा कि आध्यात्मिक गुरु कल (शुक्रवार) तक जुर्माने की राशि पांच करोड़ रुपए जमा कर दें। एनजीटी ने साथ ही यह भी कहा है कि जुर्माने की राशि जमा न किए जाने पर कानून अपना काम करेगा। एनजीटी ने जुर्माने की राशि जमा करने के लिए पहले गुरुवार तक का समय दिया था जिसे उसने एक दिन और बढ़ा दिया है। वहीं, श्री श्री रविशंकर अपने रुख पर अड़ गए हैं। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक ने कहा है कि वह जुर्माने चुकाने की बजाय जेल जाना पसंद करेंगे।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रविशंकर ने कहा, ‘हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम निष्कलंक हैं और ऐसे ही रहेंगे। हम जेल चले जांएगे लेकिन जुर्माना नहीं चुकाएंगे।’ बुधवार को एनजीटी ने तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम को हरी झंडी देते हुये पर्यावरण मुआवजे के रूप में एओएल पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था।
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संगठन के प्रमुख श्री श्री रविशंकर ने ट्वीट भी किया कि एओएल एनजीटी के फैसले से ‘संतुष्ट’ नहीं है और इसके खिलाफ अपील करेगी। उन्होंने राजनीतिक दलों से समारोह का ‘राजनीतिकरण’ नहीं करने का अनुरोध किया। श्री श्री रविशंकर ने इस बात का भी खंडन किया कि समारोह स्थल पर किसी पेड़ को गिराया गया और दावा किया कि पेड़ों की केवल छंटाई की गयी है और उन्होंने खादर को समतल किया है।’ उन्होंने कहा, ‘एक भी पेड़ को गिराया नहीं गया है। पेड़ों की केवल छंटाई की गयी है और हमने खादर को समतल किया है।’
श्री श्री रविशंकर ने उम्मीद व्यक्त की कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समारोह में शिरकत करेंगे और दावा किया कि इसका विरोध करने वाले लोगों को ‘जल्द ही समझ’ आएगी। उन्होंने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कहा कि यह एक सांस्कृतिक ओलंपिक जैसा है। विश्वभर के 37,000 कलाकार एकसाथ एक मंच पर नजर आएंगे। यह एक ऐसा समारोह है जो लोगों को एक-दूसरे के करीब लाएगा। इस प्रकार के कार्यक्रम का स्वागत किया जाना चाहिए।’
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तीन दिवसीय समारोह के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान को लेकर चर्चा के बीच एनजीटी ने यह कहते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने में लाचारी व्यक्त की कि ‘काम पूरा’ हो गया है । उसने कल 11 मार्च से यमुना खादर में समारोह के आयोजन को हरी झंडी दिखा दी। हालांकि, यह कहते हुए कि संस्थान ने अपनी पूरी योजना का खुलासा नहीं किया,पर्यावरण मुआवजा के रूप में एओएल पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया और साथ ही डीडीए और पर्यावरण मंत्रालय की इस मामले में भूमिका के लिए उनकी आलोचना भी की।

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