बम ब्लास्ट में जख्मी ईराकी युवक की मैट्रो अस्पताल ने की सफल सर्जरी

बम ब्लास्ट में जख्मी ईराकी युवक की मैट्रो अस्पताल ने की सफल...
metro hospital faridabad

todaybhaskar.com
faridabad। करीब एक माह पूर्व ईराक के बगदाद में हुए बम ब्लास्ट में जख्मी हुए 19 वर्षीय ईराकी युवक की फरीदाबाद स्थित मैट्रो अस्पताल में पैरों की सफल सर्जरी करके उसे नया जीवन दिया गया है। हादसे में युवक की बाई टांग गंभीर रूप से जख्मी हो गई थी और टांग की हड्डियां फीमर तथा टिबिया एंड फिaबूला एशा कंपाउंड फ्रेक्चर हुए थे।
साथ ही पैर की बड़ी धमनी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गई थी। मुस्तफा का शुरूआत इलाज बगदाद में हुआ, जहां डाक्टरों ने भारी रक्तस्त्राव को रोकने के लिए उनके फैक्चर और धमनी और आपॅरेशन के द्वारा ठीक करने की कोशिश की लेकिन असफल रहे।
इसके चलते उनके पैर में बने पिस्यूडो एनीयूरम से रक्त का रिसाव जारी रहा तथा उन्हें बार-बार खून चढ़ाने की जरूरत पड़ती रही। इसके बाद वह मुस्तफा को लेकर भारत आये तथा फरीदाबाद के मैट्रो अस्पताल पहुंचे। मैट्रो अस्पताल में शुरूआती जांच में पता चला कि मरीज की बाएं पैर की धमनी काफी क्षतिग्रस्त है।
अल्ट्रासाउन्ड करने में पता चला कि उनकी सुपरफिशियल फिमोरल आटर्री में रक्त का रिसाव हो रहा है, इसका कारण पिस्यूडो एनीयूरम था। यह आमतौर पर वेस्क्यूलर इंर्जरी का परिणाम हैं। पिस्यूडो एनीयूरम होने की वजह से खून का रिसाव जारी रहता है।
सिटी-एंजियो करने पर यह कंर्फम हुआ कि सुपरफिशियल फिमोरल आटर्री (धमनी) में लगातार खून का रिसाव हो रहा है, जिसकी वजह से मरीज को लगातार खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। मैट्रो अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एस.एस. बंसल ने बताया कि इस तरह की चोट जानलेवा हो सकती है, अगर समय रहते हुए ईलाज न किया जाए तो खून का रिसाव अत्यधिक खतरनाक है। मैट्रो अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ, वसकूलर रोग विशेषज्ञ और हड्डी रोग विशेषज्ञ टीम ने मिलकर इस चुनौती को लेने का निर्णय लिया, क्योंकि मरीज की हालत गंभीर थी। पहले चरण में हड्डी विशेषज्ञों की टीम ने ओपन रिडक्शन इंटरनल फिक्शन विधि द्वारा मरीज की टूटी हुई टांग को जोडऩे के लिए ऑपरेशन किया। इसके बाद मरीज के पैर की डा. बंसल द्वारा स्टैन्टिंग की गई।  सुपरफिशियल फिमोरल आटर्री को एक खास तरह के स्टेन्ट जिसे फ्लूंसी प्लस कहा जाता है द्वारा उस स्थान को बंद कर दिया गया जहां से रिसाव हो रहा था। इस तरह इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया। बाद में खून के रिसाव की स्थिति को देखने के लिए मरीज की पुन: सिटी-एंजियो की गई, जिसे देखने पर पता चला की खून का रिसाव अब पूरी तरह से रूक गया है।  डा. एस.एस. बंसल ने बताया कि कठिन इसटेंटिग करके इराकी युवक की जान बचाई। उन्होंने अपनी पूरी टीम को इस कठिन ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए धन्यवाद दिया। अब मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ है। तथा अपने देश वापस चला गया है।

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