गंगेश तिवारी ने दिलाई शहर को कराटे में पहचान

गंगेश तिवारी ने दिलाई शहर को कराटे में पहचान
गंगेश तिवारी

टुडे भास्कर डॉट कॉम 

यशवी गोयल 
1993 में रिलीज हुई फूल और कॉटे फिल्म के दृश्य (अजय देवगन द्वारा मोटर साईकिल पर दिखाया गया स्टंट) को देखकर गंगेश तिवारी को कराटे का जुनुन पैदा हुआ। बस यही से उन्होंने अपने जीवन को कराटे के नाम समर्पित कर दिया।
उन्होंने कड़ी मेहनत व लगन की बदौलत देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लौहा मनाते हुए अपनी पहचान बनायी और अब वो शहर के युवा, युवतियों, महिलाओं सहित बच्चो को कराटे की ट्रेनिंग देकर एक मिसाल कायम कर रहे हैं। यही कारण है कि आज वह देश के विभिन्न प्रदेशों में एक लाख से अधिक बच्चों को कराटे का प्रशिक्षण देकर विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा दिलाकर प्रेरणा स्त्रोत बने हैं।
फूल और कॉटे फिल्म को देखकर उन्होंने इस जुनून को परवान चढ़ाने के लिए कराटे मास्टर तैयार किये। काफी तलाश के बाद उन्हें मुजेसर में रहने वाले कराटे मास्टर बी.बी.राणा मिलें। बी.बी.राणा ने उनकी लग्न को देखते हुए मार्शल आर्टस का बेहतरीन प्रशिक्षण देकर उन्हें एक मुकाम तक पहुंचाया और आज अपनी इस मेहनत व लग्न की बदौलत बेहतरीन कोच व कराटे मास्टर के रूप में अपने आप को स्थापित कर चुके हैं।
मुख्य तकनीकी निदेशक इंटरनेशनल रैफरी कराटे मास्टर गंगेश तिवारी ने तीस से अधिक स्कूली बच्चो को बनाया ब्लैक बैल्ट, अठारह खिलाडियों ने राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओें में गाडे सफलता के झंडे।
गंगेश तिवारी के लिए जुनून बन गया यह जुनून कई स्कूल बच्चो का भविष्य बन रहा है। केवल आत्मरक्षा के लिए नहीं बल्कि भारत की पौराणिक विद्या को सुरक्षित रखने के लिए कराटे के नाम जीवन समर्पित कर दिया। तिवारी के मेहनत के बदौलत कराटे के क्षेत्र में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद ने अलग पहचान बनाई है। अभी तक तीस स्कूली बच्चो केा ब्लैक बैल्ट मिल चुकी है। गंगेश तिवारी द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त बच्चो ने राज्य स्तरीय व राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मैडल हासिल कर फरीदाबाद का नाम रोशन किया है। अब स्कूली बच्चो के साथ साथ कामकाजी महिलाओं को भी निशुल्क आत्मरक्षा के गुण सिखा रहे हैं।
मूलरूप से गोरखपुर यूपी के रहने वाले तिवारी कहते हैं कि फिल्म फूल और कॉंटे में मार्शल आर्ट की बेहतरीन आत्मसुरक्षा कला को देखने के बाद उन्हें कराटे सिखने का शौक हुआ। खुद कराटे में ब्लैक बैल्ट सैकंड डॉन है। जो काफी परिश्रम से किसी खिलाड़ी को मिलती है। गंगेश तिवारी शहर के नामचीन स्कूल रावल इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों को कराटे के गुण सिखाते हैं। इसके अलाव सै. 22 स्थित शौतोकॉन कराटे ट्रेनिंग सेन्टर पर प्रतिभावन 50 से अधिक गरीब बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे है। गंगेश तिवारी ने हिन्दूस्तान के कई प्रदेशों में एक लाख से अधिक लड़के लड़कियों को आत्मसुरक्षा के गुणों को सिखाया। आठराह साल की  कड़ी मेहनत की बदौलत गंगेश तिवारी को नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में तरह तरह के अवार्डो से सम्मानित किया गया है। गंगेश तिवारी अपने कराटे ट्रैनिंग सेंटर व शहर के स्कूलों में समय समय पर ट्रेनिंग कैंप  प्रतियोगिताओं का आयोजन कराते हैं। जिस से कि खिलाड़ियों का बेहतरीन रूप से मार्शल आर्ट का अभ्यास दिया जा सके।
गंगेश तिवारी ने विदेशों के इन ग्रांड मास्टरो से भी लिया कराटे प्रशिक्षण: स्कॉटलैंड के सिहान, जिमपारमर, जापान के ग्रांड मास्टर हीरो काजू काना जावा, यूएसए के शेत रिजोरियो, फ्रांस के बरनोल्ड नियोलॉन, जापान से ग्रांड मास्टर तोशीहीको कीकोमोरा, अकीरा यामाकोच्ची से ट्रैनिंग ली है। इसके अलावा वह विदेशी कोचो से भी सैक्टर 22 शोतोकॉन ट्रेनिंग सेन्टर  विभिन्न स्कूलों में प्रशिक्षण दिलाते हैं ताकि बच्चो में किसी भी तरह की कोई कमी ना रह जाये।
आत्मरक्षा के लिए कराटे का प्रशिक्षण आवश्यक:- गंगेश तिवारी संस्था के माध्यम से अच्छे प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित करते है। आज के तनाव भरी भाग दौड़ की जिंदगी में अगर जो व्यक्ति कराटे के लिए एक घंटे का समय निकालता है वह व्यक्ति मानसिक व शारीरिक रूप से स्वस्थ रहेगा व वर्तमान परिस्थितियों में स्वयं की भी रक्षा कर सकता है। मास्टर गंगेश तिवारी का कहना है कि खासकर महिलाओं को इस कराटे की दुनियां में अपना प्रदर्शन करना चाहिए ताकि वह विषम परिस्थितियों में स्वयं की रक्षा खुद कर सकें।
तिवारी की उपलब्धियां:-
1.नेशनल कराटे ट्रेनिंग कैम्प दिल्ली में 2001 में बेस्ट परफारमेंस अवार्ड से सम्मानित हुए।
2.सन 2003 में इँटरनेशनल कराटै चेम्पियनशिप लखनऊ में बेस्ट कराटे मास्टर अवार्ड से सम्मानित।
3. सन २००4 में दिल्ली हैडक्वार्टर द्वारा ब्लैक बैल्ट फर्स्ट डान की डिग्री से सम्मानित।
4. सन 2005 में नेशनल कराटे चेम्पियनशिप जयपुर में बेस्ट रैफरी का अवार्ड से सम्मानित।
5. सन 2006 में इँटरनेशनल कराटै ट्रैनिंग कैम्प के दौरान कानपुर में बेस्ट कराटे मास्टर अवार्ड से सम्मानित।
6. सन 2007 में वर्ल्ड कराटे चेम्पियनशिप ताल कटोरा स्टेडियम में बेस्ट आफिशियल अवार्ड से सम्मानित
7. सन २००9 में  इंटरनेशनल ओपन कराटे चेम्पियनशिप झांसी में इंटरनेशनल रैफरी अवार्ड से सम्मानित।
8. सन 2012 में राष्ट्रीय कराटे चेम्पियनशिप में बेस्ट जजमैंट अवार्ड से सम्मानित।
9. सन 2013 में कानाजावा शोतोकॉन रियो फेडरेशन ऑफ इण्डिया द्वारा ब्लैक बैल्ट सैकण्ड डान की डिग्री से सम्मानित।
10. 2014 में नेशनल ताईक्वांडो एवं नेशनल चेम्पियनशिप फरीदाबाद में बेस्ट आफिशियिल अवार्ड से सम्मानित।

 

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