राजयोग  दिलाता है पाप कर्मों से मुक्ति

राजयोग  दिलाता है पाप कर्मों से मुक्ति
brahmakumari poonam
ब्रह्माकुमारी पूनम

todaybhaskar.com
हमारे मन में बहुत बार यह प्रश्न उठता है कि आत्मा पर पापकर्मों का बोझ किस प्रकार ख़त्म हो? हम समझते हैं कि हमसारी उम्र पाप करें और फिर गंगा में जाकर स्नान कर लें तोसारे पाप खत्म हो जायेंगे| वापिस लौटकर फिर से पाप करें औरबिना उन पापों को महसूस किये अथवा प्रायश्चित किए  फिर से जाकर गंगा स्नान कर लें| अगर सचमुच पाप धुल जाते तोशायद आज धरती पर  सारे मनुष्य पावन होते और कलयुगकी  तो कल्पना भी नहीं की जा सकती थी| फिर तो न कोईचोर, डाकू होता न मर-काट हिंसा आदि कुछ होती क्यूंकि गंगास्नान से सभी के पाप जब धुल गए तो सभी पावन बन जाने चाहिए थे| साथ ही यह भी सत्य है कि आत्मा को न ही अग्नि जल सकती है और न ही पानी गिला कर सकताहै| क्यूंकि पाप तो आत्मा पर चढ़ते हैं न कि शरीर पर, फिर पानी के स्नान से आत्मा पर चढ़े पाप कैसे धुल सकते हैं क्यूंकि पानी केवल शरीर गिला कर सकता है नकि आत्मा को, अब प्रश्न उठता है कि ऐसा कौन सा उपाय है जिससे आत्मा पर चड़े पाप खत्म हो सकें?
राजयोग ही एक मात्र उपाय है जिससे आत्मा पर चढ़े पाप विनाश हो सकते हैं| राजयोग का अर्थ है स्वयं काराजा बनने का योग और स्वयं पर शासन करने की प्रक्रिया
इस प्रक्रिया में हम स्वयं को भृकुटि के बीच मेंचमकता हुआ ज्योति-बिंदु स्वरुप सितारा आत्मा अनुभव करते हैं और ज्योति-बिंदु, प्रकाश स्वरुप, सर्व-शक्तिवान परम आत्मा से मन- बुद्धि के तार द्वारा संपर्क स्थापित करते है जिससे उसके करंट से सारे पाप विनाश हो जाते हैं| साथ ही आत्मा शक्तिशाली बन जाती हैं और दिव्य गुण फिर से आत्मा में भरने लगते हैं| इन्हीं दिव्यता, पवित्रता, गुणों और शक्तियों के आधार से जीवन में बदलाव आनेलगता है और हमारा चरित्र भी देवी देवताओं सामानबनने लगता है जिससे जीवन शैली बदल जाती है औरजीवन में सुखी-समृद्धि आना सहज हो जाता है|
ब्रह्माकुमारी पूनम

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