1945 के प्लेन क्रैश में बच गए थे नेताजी

1945 के प्लेन क्रैश में बच गए थे नेताजी
netaji subhas chandra bose

todaybhaskar.com
अभी तक यही माना जाता है कि 1945 में ताइवान विमान हादसे में नेताजी की मौत हो गई थी. लेकिन मंगलवार को नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक होने के बाद इस बात के सबूत मिलते हैं कि वे 1945 में हुए एयरक्रैश में बच गए थे.
हालांकि अभी तक की सरकारें इस बात से इनकार करती आई हैं कि विमान हादसे में नेताजी बच गए थे, लेकिन जो फाइलें सार्वजनिक की गई हैं उससे पता लगता है कि एयक्रैश के बाद भी नेताजी ने तीन ब्रॉडकास्ट किए थे.

26 दिसंबर को किया पहला ब्रॉडकास्ट
एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक दस्तावेजों से यह जानकारी मिलती है कि नेताजी ने 26 दिसंबर 1945 को पहला ब्रॉडकास्ट किया. इसमें उन्होंने कहा कि ‘मैं अभी विश्व शक्तियों की शरण में हूं, मेरा दिल भारत के लिए तड़प रहा है. मैं तीसरे विश्वयुद्ध के शिखर पर पहुंचने के दौरान भारत जाउंगा, इसमें दस साल या उससे भी कम समय लग सकता है.’

कुछ दिन बाद ही किया दूसरा ब्रॉडकास्ट
नेताजी ने दूसरा ब्रॉडकास्ट 1 जनवरी,1946 को किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि ‘हमें दो साल में स्वतंत्रता मिल जानी चाहिए, ब्रिटिश साम्राज्यवाद बिखरता जा रहा है, भारत को अहिंसा के रास्ते पर चलकर आजादी नहीं मिल सकती. लेकिन मैं महात्मा गांधी का सम्मान करता हूं.’

फरवरी 1946 में नेताजी ने अपने तीसरे ब्रॉडकास्ट में कहा कि ‘मैं सुभाष चंद्र बोस बोल रहा हूं. जापान के समर्पण के बाद यह तीसरी बार है जब मैं अपने भारतीय भाईयों और बहनों को संबोधित कर रहा हूं. इंग्लैंड के पीएम मिस्टर पैठिक लॉरेंस और दो अन्य सदस्यों को परमानेंट सेटलमेंट के नाम पर भारत का खून चूसने के लिए भेज रहे हैं.’

नेताजी से जुड़ी ये जानकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय की फाइल नंबर 870/11/p/16/92/Pol से मिली हैं. यह सारी जानकारी बंगाल के गवर्नर हाउस से इकट्ठी की गई है. जिस समय यह जानकारी मिली थी उस समय आरजी केसे बंगाल के गवर्नर थे.

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