ये है शुभ मुहूर्त, ताकि सुख-समृद्धि लाए रक्षाबंधन:  ज्योतिषाचार्य डॉ. पंकज त्रिपाठी  

ये है शुभ मुहूर्त, ताकि सुख-समृद्धि लाए रक्षाबंधन:  ज्योतिषाचार्य डॉ. पंकज त्रिपाठी...
jyotishacharya dr pankaj tripathi

Yashvi Goyal
Faridabad| भाई-बहन का पर्व रक्षाबंधन बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन इसी पर्व को शुभ मुहूर्त में बनया जाये तो यह फलदायी होता है|  ज्योतिषाचार्य डॉ. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि हिंदू धर्म में कोई भी पूजा मंत्र के बिना पूरी नहीं होती। हर पूजा के लिए विशेष मंत्र होता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि भाई-बहन के खास त्योहार रक्षाबंधन के लिए भी विशेष मंत्र है। जिसका उच्चारण राखी बांधते समय जरूर करना चाहिए।
राखी बांधते समय  ‘येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वां प्रतिबध्नामि, रक्षे! मा चल! मा चल!!*  मंत्र का उच्चारण किया जाता है|
इसका अर्थ है – जिस प्रकार राजा बलि में रक्षा सूत्र से बंधकर विचलित हुए बिना अपना सब कुछ दान कर दिया, उसी प्रकार हे रक्षा! आज मैं तुम्हें बांधता हूं, तू भी अपने उद्देश्य से विचलित न होना और दृढ़ बना रहना ॥

ऐसे करें रक्षाबंधन की तैयारी
इस दिन बहनें सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान की पूजा करें। इसके बाद भाई को राखी बांधने के लिए अच्छे से थाली सजाएं। जिसमें कुंकुम, रोली, राखी और मिठाई रखें। भाई को अच्छे आसान पर बैठाकर भाई को तिलक लगाकर राखी बांधें। भाई को राखी बांधने तक बहनें कुछ भी खाती-पीती नहीं हैं। भाइयों की शादी के बाद बहनें अपने भाई की पत्नी को भी राखी बांधती हैं।

राखी बांधने का मुहूर्त
रक्षाबंधन 2018 राखी बांधने का मुहूर्त = 05:59 से 17:25 तक
मुहूर्त की अवधि = 11 घंटे 26 मिनट।

रक्षाबंधन में अपराह्न मुहूर्त = 13:39 से 16:12 तक।
मुहूर्त की अवधि = 02 घंटे 33 मिनट।
रक्षाबंधन के दिन भद्रा सूर्योदय से पूर्व ही समाप्त हो जाएगी।

सावन पूर्णिमा तिथि प्रारंभ = 25 अगस्त 2018, शनिवार 15:16 बजे
सावन पूर्णिमा तिथि समाप्त = 26 अगस्त 2018, रविवार 17:25 बजे।

इन मुहूर्तों में राखी बांधी जा सकती है। अमृत मुहूर्त के समय राखी बाँधना बहुत ही फलदायी माना जाता है। इसलिए कोशिश करें कि इसी समय अपने भाई को राखी बाँधें और भाई भी अपनी बहनों से इसी समय राखी बँधवाएँ।

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