जागरूकता ही एड्स से बचाव संभव

जागरूकता ही एड्स से बचाव संभव
jan seva vahini
विश्व एड्स दिवस पर रैली निकालते स्कूली बच्चें।

todaybhaskar.com
faridabad|  सामाजिक संस्था जन सेवा वाहिनी द्वारा  विश्व एड्स दिवस  की पूर्व संध्या पर एड्स जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। संस्था विगत 15 सालों से जागरूकता अभियान चलाए हुए है जो कि सराहनीय कार्य है क्योंकि जागरूकता से ही एड्स जैसी बिमारी से बचना संभव हो सकता है। रैली के समापन पर संस्था द्वारा किए गए सर्वे की रिर्पोट जारी की गई।
सेक्टर 30 बाई पास रोड़ से शुरू हुई एड्स जागरूकता रैली में जेएसवी स्कूल के छात्र छात्राओं ने भाग लिया। विश्व एड्स दिवस की पूर्व संध्या पर सामाजिक संस्था जन सेवा वाहिनी द्वारा आयोजित जागरूकता रैली में भाग लेने वाले स्कूली छात्रों ने जागरूकता संबंधी कटआउट्स हाथों में लिए हुए थे जिसपर एड्स जागरूकता एवं बचाव संबंधी स्लोगन लिखे हुए थे।
रैली के समापन पर संस्था के महासचिव दिवाकर मिश्रा द्वारा जारी किए गए सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। घरेलु महिलाओं से लेकर महिला डॉक्टर में भी क्षण भर के यौन सुख के लिए एड्स जैसी घातक बीमारी के प्रति कतई भी गंभीरता नही दिखाई दी।  संस्था द्वारा किए गए सर्वे में 5 किन्नर, 7 कार्ल गर्ल, 3 कॉलेज गर्ल, 3 घरेलु महिलाएं, 1 महिला डॉक्टर, 6 पुरूष यौनकर्मियों से सर्वे के दौरान चौंकाने वाले उक्त तथ्य सामने आए।  किन्नर पूर्ण सुरक्षा अपनाते हैं जबकि घरेलु महिलाएं यहां तक कि महिला डॉक्टर भी  सुरक्षित यौन संबंध बनाने के प्रति बेपरवाह हैं।
दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में सामाजिक संस्था जन सेवा वाहिनी द्वारा किए गए उक्त सर्वे में 12 सौ यौन कर्मियों से संपर्क किया गया तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। सर्वे में 71 प्रतिशत कार्ल गर्ल सुरक्षा कवच अपनाती हैं लेकिन 29 प्रतिशत सुरक्षित उपाय नही अपनाती। किन्नर रेखा, पुष्पा, हेमा, प्रिया व बिजली सभी नाम काल्पनिक ने सर्वे टीम को बताया कि वे  यौन संबंध बनाने के समय पुरूष नही चाहता सुरक्षा कवच लेकिन ये बिना सुरक्षित उपाय के यौन संबंध बनाने से मना कर देते हैं।  किन्नर रेखा ने बताया कि सबकुछ जानते हुए भी यह जोखिम कौन उठाएगा। रेखा ने बताया कि पुरूष अप्राकृति संबंध पसंद करते हैं उसने बताया कि हम जानते हैं कि एड्स असुरक्षित यौन संबंधी से फैलता है इसके बावजूद पुरूष यौन कर्मी बचाव पर ध्यान नही देते हैं।
एक महिला डॉक्टर ने नाम ने छापने की शर्त पर बताया कि हम पार्टनर तो चैंज करते हैं लेकिन कभी सैफ्टी क्वच का इस्तेमाल नही करते हैं। इसी बात से ही पता चलता है कि क्षण भर के यौन सुख के लिए पढा लिखा तबका भी एड्स जैसे भयंकर रोग से बेपरवाह है। कॉलेज गर्ल यौन संबंध बनाते समय सुरक्षा के उपाय अपनाती हैं वहीं घरेलु महिलाएं सुरक्षा कवच अपनाने में संकोच करती हैं। जबकि तीसरी दुनिया वाले किन्नर समाज के यौन कर्मी यौन संबंध बनाते समय सजग रहते हैं और उनमें से 71 प्रतिशत किन्नर सुरक्षा कवच के साथ यौन संबंध स्थापित करते हैं।
रैली के समय जन सेवा वाहिनी के महासचिव दिवाकर मिश्रा, स्कूल प्रिंंसीपल संगीता चौधरी, सीमा चोपडा, शोभा, प्रीति झा, सवीता, विभा, प्रीति घोष, नीलाभ, बिशन लाल, अंजलि, पूजा, नीता, मुमीता टीचर मौजूद थीं।

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