चीन ने कर डाला ये कारनामा कि सब रह गए हैरान 

चीन ने कर डाला ये कारनामा कि सब रह गए हैरान 
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todaybhaskar.com
desk| इंटरनेशनल डेस्क.चीन ने एक और कारनामा कर दिखाया है। अब तक सामान के डुप्लिकेट बनाने वाने इस देश ने बंदर का डुप्लिकेट तैयार कर दिया है। 20 साल पहले जिस तकनीक से डॉली नाम की भेड़ का क्लोन तैयार किया गया था, चीन ने उसी तकनीक दो क्लोन बंदर भी तैयार किए हैं। माना जा रहा है कि ये टेक्निकल बैरियर क्रॉस करने के बाद अब इंसानों की क्लोनिंग के लिए दरवाजे खुल सकते हैं। बॉटल से पिलाया जा रहा दूध…

– बंदरों का जन्म शंघाई स्थित चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (सीएएस) इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस में हुआ है।
– इन दोनों बंदरों के नाम झोंग-झोंग और हुआ-हुआ हैं। झोंग आठ हफ्ते पहले और हुआ छह हफ्ते पहले पैदा हुआ है।
– इन दोनों बंदरों को बॉटल से दूध पिलाया जा रहा है और इनका विकास सामान्य तरीके से हो रहा है।
– इन बंदरों का क्लोन गैर भ्रूण कोशिका (नॉन एम्ब्रियानिक सेल) द्वारा कृत्रिम तरीके से तैयार किया गया है।
– इस पूरे प्रॉसेस को सोमैटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर (SCNT) के जरिए किया गया, जिससे सेल को गर्भ में भेजा गया था।

इंसान की क्लोनिंग का इरादा नहीं
– चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरोसाइंस के रिसचर ममिंग फू का कहना है कि उनका ये काम मेडिकल रिसर्च में बहुत मदद देगा। इसकी मदद से बंदरों के जरिए बढ़ने वाली बीमारियों की रोकथाम संभव होगी।
– फू के मुताबिक, इंसान को बंदरों का प्राइमेट (मिलता-जुलता) माना जाता है। ऐसे में प्राइमेट प्रजातियों की सफल क्लोनिंग से इंसानों की क्लोनिंग को लेकर टेक्निकल बैरियर अब टूट गया है।
– उन्होंने कहा कि हमने ये बैरियर इसलिए तोड़ा है ताकि एनिमल मॉडल तैयार किया जाए, जो ह्यूमन हेल्थ के इलाज के लिए उपयोगी है। इस प्रॉसेज को इंसानों पर एप्लाई करने का कोई इरादा नहीं है।

इन बीमारियों के इलाज में मिलेगी मदद
दिमाग की बीमारियों जैसे पार्किंसंस, कैंसर, प्रतिरोधी क्षमता और मेटाबॉलिक विकार के लिए मेडिकल रिसर्च में आमतौर पर बंदर का इस्तेमाल किया जाता है। इससे अब मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में बहुत मदद मिलेगी।

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