एजुकेशन टाइकून कुलदीप सिंह की कहानी  

एजुकेशन टाइकून कुलदीप सिंह की कहानी  
kuldeep singh
Kuldip Singh Founder Principal of Homerton Grammar School

– होमर्टन ग्रामर स्कूल के संस्थापकप्रचार्य कुलदीप सिंह ने टुडे भास्कर से साझा  किए विचार
यशवी फरीदाबाद

जिले में शिक्षा को बढ़ावा देने की जब भी बात होगी तो होमर्टन ग्रामर स्कूल के संस्थापक प्रधानाचार्य कुलदीप सिंह का नाम बड़े ही अदब से लिया जाएगा। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने विदेशमें अपना करियर शुरु किया लेकिन देश के लोगों को शिक्षा का उजियारा देने के उद्देश्य के साथ अपना भरा-पूरा करियर छोड़ कर फरीदाबाद चले आए। आज उनका शिक्षा संस्थान होमर्टन ग्रामर स्कूल व वह स्वयं एक नाम बन चुके हैं। रिसोर्स मीड़िया ने उनसे मिलकर विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त की।
कुलदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा इंगलिश में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ से पूरी की और इसके बाद इंग्लैंड़ में 1971-82 तक एजुकेशन में ही अपना करियर बनाया। यह वह समय था जब उनका करियर अपनी ऊंचाई पर था। लेकिन वहां रहते हुए ऐसा लगा कि यदि यही शिक्षा मैं अपने फरीदाबाद शहर में दूं तो फरीदाबाद जैसे शहर में शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और हमारे अपने लोग उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इन्हीं सब विचारों और एजुकेशन के क्षेत्र में कुछ कर गुजरने का विचार लिए उन्होंने इंग्लैंड में अपना भरा पूरा करियर दांव पर लगा दिया और भारत वापिस आ गए। उन्होंने सबसे पहले सेक्टर-16 में होमर्टन ग्रामर स्कूल की स्थापना की। वर्ष 1983 तक यह स्कूल हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त कर दसवीं कक्षा तक शिक्षा देता था लेकिन जसे जसे समय बीता और लोगों का विश्वास इसमें जमा तो अन्य स्थितियां भी बदलने लगीं। सीबीएसई बोर्ड ने स्कूल को वर्ष 1986 में दसवीं कक्षा तक और वर्ष 1993 में 12वीं कक्षा तक की मान्यता दे दी। वह बताते हैं कि उन्हें किताबें पढ़ना और पढ़ाना दोनों ही काम बहुत पसन्द हैं।यही कारण है कि वह स्कूल के प्रधानाचार्य होने के बावजूद आज भी छात्रों को पढ़ाते हैं।
वह बताते हैं कि केवल 18 छात्रों के साथ शुरु हुआ होमर्टन ग्रामर स्कूल को आज अंतरराष्ट्रीय स्तर के टीचिंग मैथड़ अपनाने के लिए फरीदाबाद सहित दूर दूर तक ख्याति प्राप्त है। अब यह स्कूल सेक्टर 21ए में पांच एकड़ भूभाग पर चलता है जिसमें सैकड़ों बच्चे अपना भविष्य संवार रहे हैं। सिंह का कहना है कि लोगों को हमेशा कुछ अच्छा पढ़ते रहना चाहिए, इससे जानकारी और अनुभव जुटता है।

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