अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ न डालें निजी स्कूल : सुमित गौड़

अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ न डालें निजी स्कूल : सुमित गौड़

लॉकडाउन की मार झेल रहे अभिभावकों को राहत दे सरकार
निजी स्कूलों की लूट में शामिल है भाजपा सरकार : सुमित गौड
Todaybhaskar.com
फरीदाबाद। निजी स्कूल संचालक अभिभावकों पर लॉकडाउन पीरियड की फीस मांगने का दबाव बनाने लग गए है, जिसको लेकर कांग्रेसी नेताओं ने इन स्कूलों के खिलाफ अभियान चलाने की रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
इसी कड़ी में गुरूवार को सेक्टर-10 स्थित कांग्रेस भवन में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता सुमित गौड़ की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें महिला कांग्र्रेस की नवनिर्वाचित जिलाध्यक्ष प्रियंका भारद्वाज कक्कड़ व युवा समाजसेवी अमित कक्कड़ ने एकजुट होकर रणनीति बनाई और तय किया कि निजी स्कूलों की तानाशाही के खिलाफ कांग्रेस स्कूलों में जाकर स्कूल प्रबंधकों से दो महीने के लॉक डाउन पीरीयड की फीस अभिभावकों से न वसूलने की मांग करेगी। यहां जारी प्रेस बयान में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता सुमित गौड़, नवनिर्वाचित महिला जिलाध्यक्ष प्रियंका भारद्वाज कक्कड़ व युवा समाजसेवी अमित कक्कड़ आदि कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ का पैकेज जारी करने के बावजूद भी प्रदेश की भाजपा सरकार अभिभावकों को राहत देने में नाकाम रही है। लॉकडाउन पीरियड में बेरोजगारी की मार झेल रहे अभिभावकों पर बार-बार नए कानून लागू कर निजी स्कूलों की लूट को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से गलत है।
उन्होंने कहा कि ढाई महीने से लोग अपने घरों में कैद हैं, खाने के लाले पड़े हुए हैं, मगर प्रदेश की मनोहर सरकार अभिभावकों की फीस माफ करने में एक निर्णय नहीं ले पा रही है। असल में सरकार दोनों हाथों में लड्डू लेकर चलना चाह रही है, जोकि संभव नहीं।
उन्होंने कहा कि स्कूल संचालकों से भी मानवता के नाते आग्रह किया कि इस कोरोना महामारी में जहां लोगों के पास काम-धंधे न रहे हैं, अभिभावकों का ध्यान रखें और उनका सहयोग करें। वह मानते है कि स्कूलों के भी अपने खर्चे होते हैं, लेकिन इस लॉकडाउन पीरियड में स्कूलों के ट्रंासपोर्ट, स्टाफ, बिजली बिल एवं अन्य कई खर्चे कम हुए हैं इसलिए वह अभिभावकों के साथ समन्वय बनाएं। कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि जब पिछले ढाई महीने से स्कूल ही बंद है, तो फीस देने का कोई मतलब ही नहीं बनता। सरकार ने ऑनलाइन का सुझाव देकर स्कूलों को लूट का तरीका बताया है। मगर, उन गरीब अभिभावकों के बारे में भी सोचे, जो अपने घरों में फसे हुए हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की, कि कोई भी स्कूल उनके साथ अन्याय करता है, तो वह उनसे संपर्क करें ताकि ऐसे स्कूलों के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ मिलकर निजी स्कूलों को खुली लूट नहीं करने दी जाएगी। अभी देखने में आ रही है कि कुछ प्राईवेट स्कूल सरकारी आदेशों की धज्जियां भी खुलकर उड़ा रहे हैं, लेकिन प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। फीस बढ़ाकर ली जा रही है और प्राईवेट पब्लिशर्स की किताबें जबरन छात्रों पर थोपी जा रही है। जबकि सरकार द्वारा सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य की हुई हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी स्कूलों के इस तानाशाही फैसले का विरोध करती है और अभिभावकों के हितों के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी।

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