राष्ट्रीय महिला काव्य मंच ने किया महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन

राष्ट्रीय महिला काव्य मंच ने किया महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन
poet sharda mittal,

Todaybhaskar.com
Faridabad| राष्ट्रीय महिला काव्य मंच की गुरुग्राम इकाई ने  महिला काव्य गोष्ठी का आयोजन शारदा मित्तल के घर पर किया। इस गोष्ठी में  शहर के जाने माने रचनाकारों ने शिरकत की  और एक से एक बेहतरीन रचनाएँ सुनाकर गोष्ठी को एक अलग ही स्तर पर पहुंचा दिया। संस्था की राष्ट्रीय महा सचिव वीणा अग्रवाल विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रही और मंच संचालन का संभाला। संरक्षक कृष्ण लता यादव विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रही। दीप प्रज्जवलन के उपरान्त सरस्वती वंदना से प्रोग्राम का आगाज़ हुआ । राजेन्द्र निगम ‘ राज ‘ ने ‘है बहुत ऊँचा किसा का कद ‘ रचना में मानव की खोती संवेदना का जिक्र किया वहीं इन्द्र गुप्ता ने ‘ भूखा शहर निगल गया , कहाँ गया मेरा गाँव दोहे में वर्तमान आपाधापी का सुंदर चित्रण किया । सविता गुप्ता जी ने ‘पास घर के बही नदिया उम्र भर , प्यास आधी थी अधूरी रह गई ‘ कविता से मन के भावों को दर्शाया । ज्योत्सना कलकल ने ‘ खो न जाए अफरा – तफरी में, ज़रा मुस्कुराहटें संभालिए कविता से सबको  एक साकारात्मक सोच की प्रेरणा दी  वहीं दीपशिखा श्रीवास्तव ने ‘ मेरे नैनो में क्यों है, इन अधूरे सपनों का रोष ‘ स्त्री के मन की व्यथा को उजागर किया ।
सुश्री सुशील यादव ने ‘भारत के नौजवानों भारत की शान रखना ‘
गीत से शहीदी दिवस की याद कराते हुए  शहीदों को श्रद्धांजलि दी । कृष्ण लता यादव जी जो संस्था की गुडगाँव शाखा की संरक्षक भी हैं और जानी मानी समिक्षक भी ” बुरी बात ने ले लिया परवत सा विस्तार ।
भली बात की क्या कहें , लांघ न
पाई द्वार ” दोहे से खोते मूल्यों पर गहरा कुठाराघात किया । डा. सरोज गुप्ता ने  आजकल के बच्चों के मात -पिता के प्रति भावों को दर्शाया । श्रीमती कृष्णा जैमिनी ने ‘ विष भरा वातावरण है राम फिर आओ ‘ राम नवमी के शुभ अवसर पर रचना सुनाई ।विख्यात कवियत्री वीणा अग्रवाल जी  ने  ‘ जिसनें समझा ही ना अपने साथी का मन , उसके अन्तर में रहती पल पल घुटन ‘
गीत से आजकल बच्चों में बढ़ती सम्मोहन और तलाक की स्थिति को आंकने की कोशिश की । इन्दु ‘ राज ‘ निगम ने अपनी रचना अपने प्रेम को समर्पित की ।फरीदाबाद से आई डा.सोनिया अग्रवाल ने अपने पिता को भावपूर्ण श्रंद्धांजलि दी और अपनी सुन्दर रचनाओं से सबका मन मोह लिया  ।शारदा मित्तल का दोह “कविता में है आत्मा, है अनहद इक नाद।
शब्द शब्द इसका  करे ,जीवन का अनुवाद ” द्वारा कविता की महिमा का बखान किया । यूँ कहिये गोष्ठी में  नव रस सुनाई  दिये  । राष्ट्रीय महिला काव्य मंच के संस्थापक नरेश नाज़ जी ने सबको बधाई दी । महिलाओं को मंच देने का उनका ये प्रयास सराहनीय है । 1अप्रैल को पटियाला में नाज़ साहब ने एक बहुत बड़ा आयोजन रखा है जिसमें पूरे देश भर से संस्था के अधिकारी गण शामिल होंगे और उन्हें सम्मानित भी किया जायेगा ।

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