शास्त्र विद्या लेने नन्हें राम-लक्ष्मण वन में चलें

शास्त्र विद्या लेने नन्हें राम-लक्ष्मण वन में चलें
shri shraddha ramlila,

-श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी में भगवान श्रीराम ने किया आहिल्या कर उद्धार
Yashvi Goyal
फरीदाबाद।  बस राजन अब सतयुग बीत गया। धर्म रक्षा और संत सेवा का समय अब कहां….सोचो, राजा शवि ने एक पक्षी की रक्षा के लिए अपना मांस तोल दिया था। परंतु अब वो समय कहां, अब तो नाम के राजा रह गये हैं। यह संवाद विश्वामित्र राजा दशरथ से राम-लक्ष्मण की जोड़ी मांगते हुए कहते हैं।
यह दृश्य सेक्टर-15 स्थित श्री श्रद्धा रामलीला कमेटी में रामलीला मंचन के तीसरे दिन दिखाया गया। राजा दशरथ विश्वामित्र से कहते हैं ये तो अभी नन्हें बालक हैं देख रूप राक्षस का डर जाएंगे। आज्ञा दें गुरु सेवक को ही साथ ले चलिए, मैं उन राक्षसों का खात्मा करूंगा। मोह माया में फंसे हुये राजा दशरथ….जिन्हें कहते हो तुम बालक, बड़े अद्भुत वे बालक हैं। समझते हो जिन्हें तुम पुत्र, वे सृष्टि के पालक हैं। बंधा है उनकी आज्ञा में, सकल व्यवहार दुनिया का। उन्हीं के आसरे चलता है, कारोबार दुनिया का….। महल में मौजूद गुरु वशिष्ठ, विश्वामित्र को रोकते हुए दशरथ को कहते हैं राजा, मोह के वश होकर अपना कर्तव्य भूल रहे हैं।
राजन….महर्षि विश्वामित्र अपने द्वार से निराश होकर नहीं जाने चाहिए। राम-लक्ष्मण यह सुन राजा दशरथ से कहते हैं पिता जी दो आज्ञा, वन जाने तो दें हमें धर्म ये क्षत्रीय निभाने तो दें। जिस पर राजा दशरथ राम-लक्ष्मण को महर्षि विश्वामित्र के साथ शास्त्रों की विद्या लेने भेज देते हैं। दुसरे दृश्य में नन्हें राम-लक्ष्मण वन में जाकर राक्षसी ताडक़ा का वध करते हैं। ताडक़ा वध पर सभी राक्षस शौक मनाते हैं। तीसरे दृश्य में भगवान श्रीराम और सुबाहु का संवाद दिखाया जाता है। जिसमें श्रीराम कहते हैं-खबरदार, जो इधर आएगा वो मुंह की खायेगा। कटेगा शीश जो डोरी से, नोक ही खिसकी। उठा के आंख भी देखो तो मजाल है किसकी। नहीं ये युद्ध है, नाजुक बदन कुमारों से। पड़ा है वास्ता, क्षत्री कमानदारों से….। इस संवाद पर पंडाल तालियों से गुंज उठा। क्रोध में आकर राक्षस सुबाहु कहता है, कीडें हो कर हाथी से टक्कर खाते हो, नाहक क्यों कैलाश से टकराते हो……। नन्हें राम राक्षस सुबाहु का वध कर देते हैं। वहीं आहिल्या उद्धार का दृश्य दर्शकों को भाव-विभोर कर देता है। दशरथ की भूमिका में अजय खरबंदा, छोटे राम कुनाल चावला, विश्वामित्र गुरमुख नागपाल, आहिल्या की भूमिका में रूशाली ग्रोवर, गुरु वशिष्ठ की भूमिका में मंगल सेन अरोड़ा, लक्ष्मण की भूमिका में साहिब खरबंदा नजर आए।

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