विकास कार्य के लिए पल्ले से पैसे खर्च रहीं हेमा बैंसला

विकास कार्य के लिए पल्ले से पैसे खर्च रहीं हेमा बैंसला
hema choudhary faridabad,
वार्ड पार्षद हेमा चौधरी

नगर निगम से गैर मान्यता कॉलोनी में विकास के लिए लाखों रुपये खर्च चुकी हेमा
युवा निगम पार्षद हेमा बैंसला के माता-पिता दोनों भी निगम पार्षद रहे हैं
Yashvi Goyal
Faridabad। जनता के काम करवाना ही मेरी प्राथमिकता है। चाहे इसके लिए मुझे अपने घर से पैसे क्यों न देने पड़े। जब ग्रीनफील्ड के लोग जनसुविधाओं के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे थे और उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही थी तब मैंने अपने पल्ले से पैसे भी देकर उनका काम करवाया। आज वह सब बड़े खुश होकर मुझे दुआएं देते हैं। यह बात निगम पार्षद हेमा बैंसला ने टुडे भास्कर से हुई एक विशिष्ट मुलाकात में कही। प्रस्तुत हैं उनसे हुई बातचीत के कुछ अंश:

#आपका राजनीति में आने का क्या उद्देश्य है।
-मेरे पापा कैलाश बैंसला जी भी निगम के पार्षद रह चुके हैं। बचपन से ही घर में राजनीति का माहौल रहा है। जब 2016 में निगम के चुनाव हुए तो उसमें शिक्षा लिमिट होने के कारण घर से मैंने चुनाव लड़ा और जनता ने एक युवा होने के कारण मुझे अपना वोट देकर पार्षद चुना। राजनीति में आकर मैं सिर्फ लोगों के लिए काम करना चाहती हूं। आज क्षेत्र के युवा बिना हिचक के मेरे पास अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं और उन समस्याओं को हल करवाने की मैं पूरी कोशिश करती हूं।

#नगर-निगम में कई-कई महीनों तक सदन की बैठक नहीं होती, इस पर क्या कहेंगी।
-नगर-निगम में कुछ लोग अंदर-खाते सिर्फ अपने काम करते हैं। मेरे वार्ड की विकास कार्यों की फाइल रोककर बैठ जाते हैं। जब भी वार्ड में विकास कार्यों के लिए कोष मांगते हैं तो यह कहकर टाल देते हैं कि निगम तो दिवालिया है। आपके काम नहीं हो सकते।

#आपके क्षेत्र की जनता बिजली-पानी मांगती है तो उन्हें जेल क्यों भेज देते हो।
-मैंने किसी को जेल नहीं भेजा है। हमारी क्षेत्र की विधायक सीमा त्रिखा को लोगों की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। जब लोग उनके घर पर बिजली न आने की शिकायत लेकर गए तो उन्हें जेल भिजवा दिया गया। लोग परेशान होते हैं तभी तो अपने नेता के पास जाते हैं। गर्मी के मौसम में जब लोगों को 24-24 घंटे बिजली नहीं मिलेगी तो वह अपनी शिकायत करने कहीं तो जाएंगे। बिजली मांगने पर जनता को जेल भेजना बहुत ही गलत व्यवहार है।

#आप एक युवा हैं, आपको राजनीति में आकर कैसा लगा।
-इस शहर में युवाओं को बढ़ता हुआ कोई देखना नहीं चाहता। मैं किसी कार्यक्रम में विकास कार्यों की घोषणा करके आती हूं, उन घोषणाओं को रद्द कर दिया जाता है। पार्टी में बैठे कुछ आकाओं को डर है कि पढ़े-लिखे युवा यदि राजनीति में आएंगे तो उनका क्या होगा। जबकि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी युवाओं को राजनीति में आगे लाना चाहते हैं। वह युवाओं के लिए नई-नई स्कीम लेकर आ रहे हैं लेकिन फरीदाबाद शहर में युवाओं को राजनीति में दबाया जा रहा है।

#ग्रीन फील्ड कॉलोनी के हालात के बारे में क्या कहेंगी।
-ग्रीन फील्ड कॉलोनी एक प्राइवेट बिल्डर द्वारा निर्मित कॉलोनी है। वह नगर-निगम के हिस्से में नहीं आती। इसलिए नगर-निगम उस कॉलोनी को जनसुविधाएं देने से इंकार कर देता है। यदि उन लोगों को जनसुविधाएं ही नहीं मिल सकती तो कथित नेता वहां वोट मांगने क्यों जाते हैं। फिर भी स्थानीय लोगों की समस्याओं को देखते हुए मेरे पापा कैलाश बैंसला जी और मैंने यह निर्णय लिया कि हम वहां विकास कार्य अपने निजी कोष से करवाएंगे।
एक बार जब ग्रीन फील्ड के लोग सब जगह शिकायत करके थक चुके और हमारे पास आए तो मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि उनके यहां सडक़ बनने का काम शुरू हो जाएगा और हर सडक़ पर मैं 10 प्रतिशत दूंगी और अभी तक 22-24 सडक़ें ग्रीन फील्ड़ में बन चुकी हैं। जिस पर अब तक 35 लाख रुपये मेरे पापा कैलाश बैंसला जी दे चुके हंै।

#जीवन परिचय
नाम-हेमा बैंसला
पिता का नाम- कैलाश बैंसला
शिक्षा-ग्रेजुएशन
उम्र-23 वर्ष
पद-वार्ड पार्षद
निवास-मेवला महाराजपुर।

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