21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सैक्टर है: गृह मंत्री

21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सैक्टर है: गृह मंत्री
rajnath singh
द्धितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 में दीप प्रज्जवलित करते हुए भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह।

todaybhaskar.com
faridabad। भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 21वीं सदी में कृषि क्षेत्र ही सन-राइजिंग सैक्टर है जिसमें अपार संभावनाएं है। कृषि को सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बनाया जा सकता है, हमारी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने लक्ष्य रखा है कि वर्ष 2019 तक 76 लाख हैक्टेयर असिंचित भूमि को सिंचित बनाया जाएगा।
इसी प्रकार, मार्च 2018 तक देशभर की 585 मंडियों को ई-नाम पोर्टल से जोड दिया जाएगा ताकि किसान अपने उत्पादों को बेचने के लिए आनलाईन सुविधा से जुड सकें।
गृह मंत्री यहां द्धितीय कृषि नेतृत्व शिखर सम्मेलन-2017 में उदघाटन करने के उपरांत प्रदेशभर से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार ने पारपरिंक खेती को आधुनिक खेती में बदलने के लिए इस प्रकार के आयोजन करके एक प्रकार से प्रभावी कदम उठाए है। उन्होंने कहा कि दुनिया में कुछ लोगों का यह मिथक था कि खेती या कृषि में अब संभावनाएं समाप्त हो चुकी हैं और लेकिन भारत मेें तकनीक के सहयोग से खेती में अपार संभावनाएं हैं तथा 21वीं सदी में कृषि एक सन-राइजिंग सैक्टर के रूप में उभर रहा हैं ।उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कृषि एक सम्मानजनक और लाभकारी पेशा बने, इसके लिए हरियाणा सरकार ने यह सम्मेलन आयोजित करके एक प्रभावी कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हरियाणा और पंजाब राज्यों का अहम योगदान रहा हैं। उन्होंने एग्री लीडर का अर्थ बताया कि एग्री लीडर वह किसान है जो जागरूक है और बाजार का मिजाज जानता है तथा उसके अनुरूप ही अपने उत्पाद का प्रसंस्करण् एवं पैकेजिंग करता है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दशकों से ही कृषि क्षेत्र में नई-नई तकनीकें आई है और इस प्रकार के सम्मेलन आयोजित करके नई-नई तकनीको को किसानों तक पहुंचाया जा सकता है। गृह मंत्री ने हरियाणा में की जा रही खेती के संबंध में कहा कि हरियाणा प्रदेश में 90 लाख एकड क्षेत्र में खेती जा रही है जिसमें हरियाणा देश के अंदर बासमती के उत्पादन में नंबर एक हैं, धान और गेंहू में हरियाण रिकार्ड उत्पादन करता है तथा गन्ना में भी हरियाणा सर्वाधिक उत्पादन करता है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड की अगुवाई में राज्य के 340 गंावों को बागवानी गांवों के रूप में चिन्हित किया गया है, जो एक सराहनीय कदम हैं। इसी प्रकार, किसानों की आय को दोगुणा करने के लिए तथा नई नई तकनीकों को इजात करने के लिए प्रदेश में एक बागवानी विश्वविद्यालय खोला जा रहा है ताकि किसानों को इसका पूरा लाभ मिल सकें। किसानों की लागत मूल्य को कम करने के संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि किसान को उत्पादन करने में आने वाली लागत का मोल भी नहीं मिल पाता, इसके निदान के लिए सरकार ने विभिन्न कदम उठाए हैं ताकि किसान को लागत मूल्य कम हो।
देश में किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था करने के संबंध में गृह मंत्री ने कहा कि सिंचाई के लिए नाबार्ड के तहत 20 हजार करोड रूपए का एक फंड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि असिंचित भूमि को सिंचित बनाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की देश की नदियों को जोडने वाली योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रयास किए जा रहे है।
इस मौके पर हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओमप्रकाश धनखड, केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री एस एस आहलुवारिया, उद्योग मंत्री विपुल गोयल, सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर, मुख्य संसदीय सचिव सीमा त्रिखा, हरियाणा कृषि विपणन बोर्ड की चेयरपर्सन कृष्णा गहलावत, भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला व अन्य मौजूद थे।

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