बनारसी साडिय़ों के लिए महिलाएं आ रही सूरजकुंड मेला

बनारसी साडिय़ों के लिए महिलाएं आ रही सूरजकुंड मेला
banarsi saree in surajkund mela

Todaybhaskar.com
faridabad। हरियाणा के सूरजकुण्ड में चल रहे 32वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में ड्रेसिंग मैटीरियल की बेहतरीन कलेक्शन का अनूठा बाजार सजा है। बॉलीवुड की फिल्मों या टीवी सीरियल में कलाकारों की महंगी डिजायनर साड़ी- सूट की शानदार वैरायटी सूरजकुण्ड में देश के अलग-अलग राज्यों से आए शिल्पकारों की स्टाल पर कम कीमत पर आसानी से उपलब्ध है। इतना ही नहीं फैशन डिजायनर्स के लिए तो ड्रेसिंग मैटीरीयल कलेक्ट करने के लिए सूरजकुण्ड मेला इन दिनों हॉट स्पॉट बना हुआ है।
बनारस की पीली कोठी के कारीगरों द्वारा तैयार की गई साड़ी को लेकर मेला में बनारसी शिल्पकारों की स्टालों पर महिलाओं की ख़ूब भीड़ देखी जा रही है। बनारसी कारीगरों की जामदानी, जामावार तंचुई, ब्रोकेड साड़ी, कतान मूंगा, कड़ुआ बूटा आदि की रिटेल व होलसेल में ख़ूब बिक्री हो रही है। महिलाओं के साथ यहां उपलब्ध बनारसी ड्रेस मैटीरियल का इस्तेमाल शेरवानी, पार्टी वीयर शर्ट, कुर्ता आदि तैयार करने में भी होता है। ऐसे में ड्रेस डिजायनर के लिए मेला कलेक्शन प्वाइंट साबित हो रहा है। विवाह, पर्व व अन्य अवसरों पर भारतीय पारंपरिक परिधानों की शानदार कलेक्शन के लिए एनसीआर में इन दिनों सूरजकुण्ड सबसे बड़ी मार्केट बनी हुई है।
बनारस से आए नेशनल अवार्डी शिल्पकार एचएएच अंसारी व मक़बूल आलम अंसारी ने बताया कि बनारसी साड़ी की जामदानी वैरायटी तैयार करने में दो कारीगरों को कम से कम 45 दिन लगते हैं और साड़ी का बेस तैयार होने के बाद फिनिशिंग पर भी 15 दिन का टाइम लगता है। कडुआ बूटा और कतान मूंगा साड़ी या ड्रेस मैटीरियल तैयार करने की भी ऐसी ही प्रक्रिया है। वही मेला परिसर में बनारसी ड्रेस मैटीरियल की बड़ी कलेक्शन लेकर आए मोहम्मद सल्लाउद्दीन ने बताया कि दुपट्टा, सूट व साड़ी में सिल्क, शिफोन व कॉटन की अधिक मांग है। बनारसी वैरायटी की बात करें तो सामान्यत: हर स्टाल पर तीन हजार से तीस हजार रुपए तक की ड्रेस उपलब्ध है लेकिन ड्रेस की क़ीमत उस पर होनी वाली कारीगरी तथा मैटीरियल के ऊपर निर्भर करती है।

फोटो- सूरजकुंड मेला में बनारसी साडिय़ों की परख करती खरीदार।

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