दृष्टिहीनता कोई अभिशाप नही बल्कि एक चुनौती है: राज्यपाल 

दृष्टिहीनता कोई अभिशाप नही बल्कि एक चुनौती है: राज्यपाल 
kaptan singh solanki
लुई ब्रेल की प्रतिमा का अनावरण करते राज्यपाल
टुडे भास्कर डॉट कॉम
फरीदाबाद। दृष्टिहीनता कोई अभिशाप नही बल्कि एक चुनौती है जिससे अपनी हिम्मत व कौशल से मुकाबला करके कोई भी व्यक्ति दृष्टि वालों के समान ही अपने जीवन में सफलता की ऊंचाईयों तक पहुंचने में कामयाब हो सकता है।
यह उद्गार हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने आज यहां एन.आई.टी. फरीदाबाद स्थित नेशनल एसोसिएशन फार दी ब्लाईंड (एन.ए.बी.) की हरियाणा राज्य शाखा के परिसर में नेत्रहीनों के लिखने-पढऩे हेतु बे्रल लिपी के जनक लुई ब्रेल की प्रतिमा का अनावरण बतौर मुख्य अतिथि करने के उपरान्त संस्था के सभागार में आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए प्रकट किए। समारोह की अध्यक्षता हरियाणा परसन्स विद डिसेबिलिटीज के कमीशनर श्री फूलचन्द यादव ने की।
राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति का कोइ अंग चला जाए और उसको सहारा देने के लिए किसी भी संस्था या समाजसेवी व्यक्तियों द्वारा जो कार्य किए जाएं तो यह उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है जितना कि ईश्वर द्वारा मानव की संरचना का कार्य होता है। नेत्रहीनता अथवा अन्य प्रकार की अपंगता के उपरान्त किसी भी व्यक्ति में स्वत: प्रकृति की ओर से विशेष हुनर उत्पन्न होता है जिसके बल पर वह भी स्वयं को आम लोगों की तरह विकास की मुख्यधारा से जोड़ पाता है।
उन्होंने कहा कि ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुई ब्रेल स्वयं दृष्टिहीन थे जिन्होंने इतना बड़ा कार्य किया जो कि हमेशा दृष्टिहीनों को शिक्षा पाने का सशक्त माध्यम रहेगा। फ्रांस में जन्मे लुई ब्रेल के द्विशताब्दी वर्ष 2009 में भारत द्वारा उन पर दो रूपये का सिक्का जारी करना,अमेरिका द्वारा डॉलर जारी करना उनकी महानता को दर्शाता है। राज्यपाल ने प्रसन्नता व्यक्त की कि ब्रेल लिपि के माध्यम से शिक्षा ग्रहण करने के उपरान्त दृष्टिहीन छात्र-छात्राएं भी कम्प्यूटर पर आम छात्र-छात्राओं के तरह कार्य कर रहे हैं।
राज्यपाल प्रो. सोलंकी ने एसोसिएशन की मांग पर ब्वायज होस्टल के निर्माण के लिए अपने स्वैच्छिक कोष से दस लाख रूपये की राशि देने की घोषणा की। उन्होंने एन.ए.बी. परिसर के विस्तार हेतु इसके साथ लगती हुई सरकारी जमीन को नियमानुसार देने,नेत्रहीनों को नौकरी में एक प्रतिशत के निर्धारित आरक्षण को उपलब्ध करवाने तथा एन.ए.बी. परिसर के बाहर खुले नाले को ढककर पक्का बनाने के लिए उपायुक्त डॉ. अमित कुमार अग्रवाल को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। राज्यपाल ने इस परिसर के कम्प्यूटर रूम,प्रयोगशाला,किचन व क्लास रूम्स का दौरा करके दृष्टिहीन छात्र-छात्राओं के हुनर की सराहना की।
फूलचन्द यादव ने समारोह की अध्यक्षता करते हुए राज्यपाल श्री सोलंकी का स्वागत व्यक्त किया। एन.ए.बी. के प्रधान श्री ए.एस. पटवा ने मांग-पत्र प्रस्तुत करते हुए राज्यपाल का स्वागत व्यक्त किया। समारोह को एन.ए.बी. के महासचिव हेमसिंह यादव,संस्था के मैरिज ब्यूरो व खेल अध्यक्ष कृष्ण मलिक तथा नगर निगम के सम्बन्धित वार्ड नम्बर-15 के पार्षद योगेश ढींगड़ा ने भी सम्बोधित करते हुए राज्यपाल प्रो. सोलंकी का स्वागत एवं धन्यवाद व्यक्त किया। गत 18 जनवरी को दिवंगत हुए एन.ए.बी. के पूर्व प्रधान व संरक्षक स्व. बी.एन. जैन को दो मिनट का मौन रख कर समारोह में श्रद्धांजलि दी गई। दृष्टिहीन बच्चों ने राज्यपाल के स्वागत में राधा-कृष्ण नृत्य व स्वागत गीत की मनोरम प्रस्तुति दी।
राज्यपाल ने एसोसिएशन को सहयोग देने वाले कई लोगों को समारोह में संस्था की ओर से स्मृति चिन्ह व प्रशस्ती-पत्र प्रदान करके सम्मानित किया। इनमे गिरीश अग्रवाल,आर.के.जैन,एडवोकेट लेखराज मेहता (जोधपुर),प्रेमलता पटवा ,एम.एल. अरोडा,सुषमा गुप्ता तथा डॉ. एम.पी. सिंह आदि शामिल थे।
इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. अमित कुमार अग्रवाल,पुलिस आयुक्त सुभाष यादव,फरीदाबाद के एस.डी.एम. महावीर प्रसाद,बनारसी दास गुप्ता फाउंडेशन के चेयरमैन अजय गुप्ता,भाजपा के जिला अध्यक्ष अजय गौड़,समाजसेवी एस.एन. त्यागी, कुंवर बालू सिंह एडवोकेट प्रमोद गुप्ता तथा राकेश तलवार सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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