सर्दियों में बढ़ रहा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा

सर्दियों में बढ़ रहा ब्रेन स्ट्रोक का खतरा
dr pawan singh

-रोजाना व्यायाम को करें अपने दिनचर्या में शामिल
todaybhaskar.com
faridabad| बदलती लाइफस्टाइल लोगों के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। देर से सोना, जल्दी जगना, तनाव में रहना, हाइपरटेंशन, अनियमित खान-पान और स्मोकिंग के कारण ब्रेन स्ट्रोक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं,  भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकांश लोग इसकी गंभीरता को नजरअंदाज करते हैं। खासकर गर्मी के मुकाबले सर्दी में स्ट्रोक का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में नजरअंदाज करना ठीक नहीं। लोगों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। यह कहना है सेक्टर 16ए स्थित मेट्रो अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ रोहित गुप्ता ने बताया कि ब्रेन स्ट्रोक का सबसे सामान्य लक्षण होता है शरीर के किसी एक ओर के हिस्से में कमजोरी या लकवा जैसी स्थिति होना या इसके लक्षण दिखाई देना। स्ट्रोक होने पर यह भी देखा गया कि रोगी अपनी मर्जी से एक ओर के हाथ-पैर भी न हिला पाता और कोई संवेदना भी महसूस नहीं होती है। मरीज को बोलने में भी दिक्कत आ सकती है। स्ट्रोक आने के बाद कई मरीज अपनी सुनने और देखने की क्षमता खो देते हैं।

Dr.rohit gupta
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धमनियों में चर्बी की मात्रा ज्यादा होने से होती है ब्लाकेज
पवन अस्पताल के फिजिशयन डॉक्टर पवन सिंह ने बताया कि  धमनियों में चर्बी की मात्रा ज्यादा होने से उनमें ब्लाकेज आ जाती है। इससे स्ट्रोक पड़ता है। इसे स्किमियां स्ट्रोक कहते हैं। ब्रेन हेमरेज ब्लड प्रेशर ज्यादा होने से होता है। इसमें ब्रेन के अंदर रक्त नलिकाओं में लीकेज आ जाता है, जिससे ब्रेन हेमरेज हो जाता है।

लक्षणों को न करें नजरअंदाज
कई बार बड़े स्ट्रोक से पहले छोटा स्ट्रोक पड़ता है, जिसमें कुछ समय के लिए आंख की रोशनी चली जाती है और फिर लौट आती है। या फिर अंग का कोई हिस्सा कमजोर हो जाता है और फिर ठीक हो जाता है। ऐसा चक्कर व तेज सिर दर्द हो सकता है, जो जिंदगी में पहली बार हुआ हो।

सर्दियों में लगभग दोगुने हो जाते हैं मरीज
सर्दियों में ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या गर्मियों की अपेक्षा बढ़कर लगभग दाेगुने हो जाती है। इसकी वजह सर्दियों में ब्लड का गाढ़ा होना माना जाता है। शरीर को गर्म रखने के लिए ब्लडप्रेशर भी बढ़ जाता है। जिससे ब्रेन स्ट्रोक होने का खतरा रहता है।

रोजाना व्यायाम से खुद को रखें फिट
हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटिज , हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी समस्याओं से ग्रस्त लोगों नियमित जांच कराते रहना चाहिए। मोटापे को कंट्रोल करना भी जरूरी है। रोजाना व्यायाम को आदत बना लेना चाहिए। सिगरेट-तंबाकू का सेवन व शराब पीना भी कम कर देना चाहिए।

बरतें सावधानी
वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डाक्टर रोहित गुप्ता का कहना है कि मरीज को स्ट्रोक के बाद जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाने की कोशिश करें। पहले घटे के अंदर ही सही चिकित्सक के पास पहुंचे। हार्ट अटैक की तरह ब्रेन स्ट्रोक में भी पहले तीन घटे गोल्डन ऑवर माने जाते है।

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