गुरू रूपी पवतार ही जीवन रूपी नैया को पार लगाती है: साध्वी श्रीदेवी

गुरू रूपी पवतार ही जीवन रूपी नैया को पार लगाती है: साध्वी...
आर्शीवाद पब्लिक हाई स्कूल में गुरु की पूजा अर्चना करते हुए स्कूल की चेयरपर्सन साध्वी श्रीदेवी

टूडे भास्कर डॉट कॉम
फरीदाबाद। आर्शीवाद पब्लिक हाई स्कूल जी.ब्लाक एसजीएम नगर सेक्टर 21 डी फरीदाबाद स्थित गुरूधाम आध्यात्मिक केन्द्र एवं श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में इन्द्रप्रस्थ पीठाधीश्वर सदगुरू श्री 1008 श्रीमदजगदगुरू रामानुजाचार्य स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की असीम अनुकम्पा से श्री सिद्धदाता जयंती के आयोजन के दूसरे दिन विस्वक्सेन पूजा, गुरू चरण पूजा, सिद्धदाता पूजा अर्चना, नृसिंह पूजा, विष्णू सहस्द्धनाम, तुलसी अर्चना, सामूहिक लक्ष्मी पूजन का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर अनेक भक्तों ने इस आयोजन में भाग लेकर अपने जीवन को कृर्ताथ किया।
पूजन के उपरांत श्रीदेवी गुरूधाम मंदिर की संस्थापिका तथा आर्शीवाद पब्लिक हाई स्कूल की चेयरपर्सन साध्वी श्रीदेवी ने सत्संग में अपने मुखारबिन्द से भक्तों को बताया कि गुरू अपने शिष्य को भक्ति के मार्ग पर चलाकर ज्ञान देते हैं। गुरू ही है जो लोक परलोक के बीच में खड़ा होता है। साध्वी ने बताया कि शिष्य को हमेशा जिज्ञासु होना चाहिए तथा गुरू पर पूर्ण विस्वाश होना चाहिए। बिना जिज्ञासा के गुरू शिष्य का कुछ नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि गुरू भगवान है। भगवान को श्रृद्धा, विस्वाश और प्यार से पाया जा सकता है।
जीवन में गुरू के महत्व को बताते हुए उन्होंने कहा कि जब गुरू रूपी पवतार जीवन में न आये तो हम पार नहीं उतर सकते। गुरू ही अपने शिष्य को बुद्धि विवेक और विस्वाश से परमात्मा के आगे खड़ा होने के लिए तैयार करते हैं। सत्संग के बाद भजन कीर्तन का आयोजन किया गया।

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