दिलों पर राज करने वाले डॉ एस एस बंसल

दिलों पर राज करने वाले डॉ एस एस बंसल
dr ss bansal
मैट्रो अस्पताल के एम.डी. डॉ एस.एस. बंसल

यशवी गोयल
todaybhaskar.com
faridabad| कर्म को पूजा समझने वाले डॉ एस.एस. बंसल किसी परिचय के मोहताज नही है। वह फरीदाबाद के सैक्टर-16 स्थित मैट्रो अस्पताल के एम.डी व दिल के जानेमाने डॉक्टर है। और अब यहां कैंसर अस्पताल के रूप में विस्तार करने जा रहे हैं। टूडे भास्कर ने उनसे मिलकर उनके व्यक्तिव को जानने का प्रयास किया है। इस प्रयास के कुछ अंश आपके लिए प्रस्तुत है।
डॉ बंसल ने बताया कि वर्ष 1752 में बेंजामिन फ्रेंकलिन ने कैथेटर को ईजाद किया था। आज इस कैथेटर का प्रयोग डा एस एस बंसल इस प्रकार कर रहे हैं कि वह फरीदाबाद के फे्रेंकलिन हो गए हैं। देशी भाषा में कहें तो एक ऐसा नन्हा सा औजार जो एक धागे को शरीर में इंसर्ट कर देता है जिसके जरिए दिल की बंद हो चुकी अथवा हो रही नसों को खोलता है। इस औजार का प्रयोग हमने इस खूबी के साथ किया है कि दिल के मरीज उनकी ओर खिंचे चले आते हैं। बंसल अब तक करीब 25 हजार कैथेटर आधारित ट्रीटमेंट कर चुके हैं।
डॉ बंसल बताते है कि हमारे शरीर और मन पर होने वाले परिवर्तनों गुस्सा, डर व चिंता का असर शरीर के अंदर के अंगों पर भी असर होता है। इन भावों के कारण ब्लड प्रेशर कम अथवा ज्यादा हो जाता है जिससे दिल सिकुड़ता अथवा फैलता है जिसे लोग दिल सिकुड़ गया, कलेजा मुंह को आ गया, दिल मुंह को आ गया आदि आदि बातें करते हैं। उन्होंने बताया कि लोग अपने बॉडी मास इंडेक्स को जानें। उसे दो से सात के बीच रखने की कोशिश करें। वहीं डेली तीन चार किलोमीटर चलने की कोशिश करें। आधा किलोमीटर चलें और आधा किलोमीटर दौड़ें, यह क्रम बनाएं। स्मोकिंग (त बाकू, सिगरेट, बीड़ी, हुक्का) का सेवन न करें। एक दिन में 60 मिली से अधिक शराब न लें। शरीर पर ट्रांसफैट जमा न होने दें।
वह बताते है कि हमारे दिमाग का पूरे शरीर के साथ जुड़ाव है, इसलिए दिल से भी है। दिमाग को शांत रखिए, तो सारा शरीर शांत रहेगा। संतोषी स्वभाव को अपनाइए। उन्होंने बताया कि गत वर्ष की बात है, एक 25 वर्षीय महिला को आर्टियल सेप्टल डिफेक्ट यानि एएसडी रोग से ग्रसित थी। उसके ऑपरेशन को एम्स ने भी रिजेक्ट कर दिया था क्योंकि उसके फेफड़ों में काफी प्रेशर था। जब रोगी हमारे पास आया तो हमने इसे चैलेंज के रूप में लिया। उसके रिश्तेदारों ने भी उसे छोड़ दिया था। लेकिन हमने पहले उसके फेफड़ों का प्रेशर घटाया और फिर उसका ऑपरेशन किया। वह आज अपने परिवार के साथ रहती है और सभी लोग बड़े खुश हैं।
डॉ बसंल ने मैट्रो अस्पताल के बारें में बताया कि मेडिकल टूरिज्म के मामले में मेट्रो एक महत्वपूर्ण नाम है। अस्पताल में देश-विदेश के मरीज आते हैं। जिस वजह से अस्पताल में हमने राज्य का पहला 3डी कैथलैब स्थापित किया है। हम ओपीडी और ओटी सेंटर की संख्या बढ़ा रहे हैं वहीं आईवीएफ द्वारा निसंतानों को संतान सुख देने के लिए भी सेंटर स्थापित कर रहे हैं। साथ ही कैंसर ट्रीटमेंट सेंटर बनाने पर काम चल रहा है। ताकि विदेशी मरीजों को अधिक से अधिक संख्या में फरीदाबाद लाया जा सके।

 

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