महर्षि डॉ. पंकज त्रिपाठी ने बताया राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, एवं कुछ नियम

महर्षि डॉ. पंकज त्रिपाठी ने बताया राखी बांधने का शुभ मुहूर्त, एवं...
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ज्योतिषाचार्य डॉ. पंकज त्रिपाठी

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Desk| हिंदू धर्म में रक्षा बंधन के त्योहार का विशेष महत्व है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा का सूत्र बांधती है और भाई हमेशा बहन की रक्षा करने का वचन देता है। रक्षा बंधन का त्योहार भारत के सभी प्रांतो में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। वैसे तो यह बहन-भाई के अटूट बंधन का दिवस है लेकिन अलग अलग प्रांतो में अलग तरीके से मनाया जाता है।

रक्षा बंधन की तिथि एवं शुभ मुहूर्त
महर्षि डॉ. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। रक्षा बंधन का पर्व सावन मास का महत्वपूर्ण पर्व है। पंचांग के अनुसार इस साल रक्षाबंधन 22 अगस्त रविवार को सुबह 7:31 से 12:22 तक वहीं 13:59 से लेकर 15:36 तक शुभ मुहूर्त रहेगा

भद्राकाल
इस तिथि पर भद्रा काल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती है क्योंकि इस काल में शुभ कार्य वर्जित होता है। इस साल भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त, 2021 सुबह 05:34 से 06:12 तक होगा और 22 अगस्त को पूरे  दिन राखी बांधी जाएगी।

राखी बांधने के दिशा नियम
महर्षि डॉ. पंकज ने बताया कि दिशा का मानव जीवन पर विशेष प्रभाव है इसलिए यदि राखी बंधवाते समय भाई अपना मुख पूर्व की तरफ़ रखते है तो उनके जीवन में अत्यधिक लाभ का संचार होता है। इसके साथ ही रक्षाबंधन में रंगों का बहुत महत्वपूर्ण संकेत होता है, इसलिए यदि आप राखी पर्व पर कुछ विशेष रंग धारण करें तो यह आपके जीवन के लिए लाभदायक होंगे जैसे -लाल, गुलाबी ,हरा, पीला और संतरी रंग पहनने इस दिन शुभ होंगे।

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