दरिद्रता, रोग एवं शत्रुओं से मुक्ति दिलाएगा महर्षि डॉ. पंकज त्रिपाठी का यह उपाय  

दरिद्रता, रोग एवं शत्रुओं से मुक्ति दिलाएगा महर्षि डॉ. पंकज त्रिपाठी का...
jyotishacharya dr pankaj tripathi

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फरीदाबाद। यदि आप अपने जीवन में दरिद्रता, रोग एवं शत्रुओं से मुक्ति पाना चाहते हैं तो महर्षि डॉ. पंकज त्रिपाठी का यह अचूक उपाय न केवल आपको शत्रुओं से छुटकारा दिलवाएगा बल्कि आपके जीवन में अपार खुशियां भी लेकर आएगा। महर्षि डॉ. पंकज त्रिपाठी ने बताया कि आज के समय में ज्यादातर लोग दरिद्रता, रोग एवं शत्रुओं से परेशान रहते हैं। जिसको लेकर कई बार व्यक्ति तनाव में जीवन जीने लगता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति इस प्रकार की समस्या से जूझ रहा है, तो उसे घबराने की आवशयकता नहीं है। मां धूमावती, व्यक्ति को हर कष्ट से निजात दिलवाकर उसके जीवन में अपार खुशियां लेकर आती है।

#धूमावती मंत्र साधना प्रयोग
महर्षि पंकज त्रिपाठी ने बताया कि देवी धूमावती माता स्वभाव से बड़ी उग्र प्रगति की होती हैं इनको चंचला एवं मुक्तकेशी के नाम से भी बुलाया जाता है। धूमावती माता का साधना करने से मंत्र जाप करने से आपको दरिद्रता से, रोग से, शत्रुओं से मुक्ति मिल सकती है। इनका रूप काला होता है। यह माता लक्ष्मी की रिश्ते में बड़ी बहन लगती है यही कारण है कि इनको जेष्ठ लक्ष्मी भी कहा जाता है।
माता धूमावती की साधना मंत्र करना सबके बस की बात नहीं होती है जो धैर्यवान होता है वही इस मंत्र में सफलता प्राप्त कर पाते हैं। हम अन्य देवी माताओं को देखते हैं कि उनका साज श्रृंगार होता है वह लाल रंग के वस्त्र पहनती है मगर माता धूमावती अकेली है, जिनकी पूजा एक विधवा के रूप में की जाती है यह सफेद वस्त्र धारण करती है इनका वाहन कौवा होता है।
इनकी पूजा आराधना अगर चतुर्मास में किया जाए तो यह काफी ज्यादा प्रसन्न होती है और अपने भक्तों को वह सब कुछ प्रदान करती है जिसके वह हकदार होते हैं। मंत्र शक्ति में कितनी ताकत होती है कि यह आपको इतना अमीर बना देगा कि आप पैसा खर्च करते रहेंगे मगर आपकी धनसंपदा हमेशा एक ही रहेगी।

#इस मंत्र का करें जाप
महर्षि ने बताया कि व्यक्ति एक स्वच्छ आसन पर बैठकर और सात्विक रहकर इस मंत्र का उच्चारण करें।
ऊं धूं धूं धूमावती ठ: ठ:

#धूमावती माता को प्रसन्न करने के सामग्री
आजकल तो लोग फाइबर के बर्तनों का या कांच के बर्तनों का या स्टील के बर्तनों का प्रयोग करते हैं मगर पहले के दिनों में मिट्टी को ही शुद्ध माना जाता था इसलिए माता धूमावती को शुद्ध बर्तनों में ही प्रसाद दें और मिट्टी के बर्तनों से ज्यादा शुद्ध और कुछ नहीं हो सकता है।
आप माता धूमावती को सफेद फूल अर्पित कीजिए, साथ ही सफेद वस्त्र चढ़ाएं क्योंकि माता को सांज एवं श्रृंगार बिल्कुल भी पसंद नहीं है। फलों में आप नारियल, धतूरा, पंचमेवा एवं काजू अर्पित कीजिए।

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