ग्रामीणों को इलाज देने के लिए शहर को टाटा

ग्रामीणों को इलाज देने के लिए शहर को टाटा
dr pawan singh
डाक्टर पवन सिंह

-12 साल से ग्रामीणों के इलाज को समर्पित डाक्टर पवन सिंह
यशवी
todaybhaskar.com
faridabad| आजकल चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले प्रोफेशनल्स पर भौतिकवादी होने, पैसे के प्रति अधिक लालची प्रवृत्ति का होने और शहरी चकाचौंध के प्रति अधिक उत्सुक रहने आदि के आरोप लगते हैं। लेकिन हम आपको एक ऐसे चिकित्सक समाजसेवी से रूबरू करवाएंगे जिन्होंने ग्रामीणों को बेहतर चिकित्सा सेवा देने के लिए शहरी चकाचौंध को टाटा कह दिया।
हम बात कर रहे हैं गत 12 वर्ष से समयपुर में अपना अस्पताल चलाने वाले डाक्टर पवन सिंह की। डॉ. पवन के अनुसार उन्होंने जनवरी 2004 में पवन हास्पिटल की स्थापना से लेकर आज तक ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा देने को ही समाज की और परमात्मा की सेवा माना। समयपुर सैक्टर-56 स्थित पवन हास्पिटल स्थानीय ग्रामीणों और स्लम में रहने वालों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं।
डाक्टर पवन ने टुडे भास्कर बताया कि उनके पिता ग्रामीण थे और खेती पर निर्भर थे जिस कारण उन्होंने गांव के हालत भी बखूबी देखे और समो। उन्होंने महसूस किया कि समयपुर में आसपास अस्पताल न होने के कारण गांव के लोगों को इलाज करवाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। तभी उन्होंने तय कर लिया कि गांव में एक अस्पताल खोलकर लोगों को सस्ता और अच्छा इलाज मुहैया करवाएंगे। जब वह वर्ष 2004 में यहां अस्पताल बनवा रहे थे तो अनेक लोग सलाह देते थे कि शहर में अस्पताल खोलो, यहां गांव में क्या मिलेगा। लेकिन अपनी धुन और विचारों के पक्के डॉ पवन ने समयपुर में ही अस्पताल बनाया। एम.डी. फिजीशयन डॉ. पवन ने बताया कि घुटने रिप्लेसमेंट, कुल्हा बदलने, रीढ़ की हड्डी से संबंधित रोगों में उनके अस्पताल ने थोड़े ही समय में अपना नाम बना लिया। जिससे आलोचकों के मुंह अपने आप बंद हो गए। इस अस्पताल में अब तक इस प्रकार के करीब आठ हजार सफल आप्रेशन हो चुके हैं।
भ्रूण के लिंग जांच की प्रवृत्ति को वह एकदम गलत ठहराते हैं। उनके अनुसार भ्रूण लिंग की जांच करना बहुत बड़ा गुनाह है। इस बुराई को समाज से समाप्त करना ही होगा और यह तब तक संभव नहीं है जब तक ये पुरूष प्रधान देश स्त्रियों को मान-सम्मान देना नहीं सीखेगा। समाज में स्त्रियों की महत्ता को स्थापित करना होगा। वह कहते हैं कि समाज को महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदलने की जरूरत है। समाज में जब तक महिला सुरक्षित है तभी तक यह समाज सुरक्षित है।

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